पैदा हुई तो बोला गया लड़की हुई है अफ़सोस !! लड़का होता तो अच्छा होता प्यार भी बट गया लड़के के नाम पर ओर बड़ी हुई खिलौने बट गए शरीर तागत के नाम पर !! गुड़िया का सहारा दे दूर रखा सख्त जीवन से !! ओर बड़ी हुई तो पड़ाई बटी बेटी होने के नाम पर ना मिली सीख ना मिला प्यार ये कैसा अत्याचार ??? समाज के दुर्व्यवहार जवाब दे !! था क्या कसूर ?? था क्या कसूर ?? ओर बड़ी हुई सपने कुचले गए घर के सम्मान की आड़ में ? अभी भी ना जाने कितने घरों की बेटियां बली देती पिता की आड़ में !! हाए दोष बताओ दोष बताओ मेरा गुनाह मुझे सुनाओ ये कैसी बेला है मुझे समझ ना आई? अभी तो कहानी शुरू हुई है ©neha lawaniya #Nowords #speechless #nomorelove #bhedbhav #दिमाग का भेद खतम करना ही होगा #अफ़सोस