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-विश्वास- हो वक़्त तो पड़ना जरूर दासता ये इश्क़ की,

-विश्वास-
हो वक़्त तो पड़ना जरूर दासता ये इश्क़  की,
जूठी ही सही पर इम्तहाँ है ये आज के दौर की।

आपका अपना
Gourav Goswami -विश्वास-
एक बहुत समय पुरानी बात है। एक था राजकुमार जिसका नाम था नील ओर एक थी राजकुमारी जिसका नाम था नीलम। वो दोनों बचपन से ही एक-दूजे से बहुत प्रेम करते थे। वक़्त गुजरा ओर युवा होते ही उन दोनो ने विवाह भी कर लिया। वे अपने वैवाहिक जीवन मे बहुत खुश थे। नील भी नीलम को बहुत स्नेह करते थे। उनका प्रेम-जीवन सफल हो चुका था।

कहते है प्रेम परीक्षा अवश्य लेता है। एक दिन हुआ यूं राजकुमारी नीलम ने वन भ्रमण की इच्छा प्रकट की। नील ने भी बिना विलंब किये रथ मँगवाया ओर दोनों वन भ्रमण को चले गए। वन में घूमते-घूमते नीलम को प्यास लगी। नील ने देखा नीचे एक नदी बह रही है,नील राजकुमारी को रथ में अकेला छोड़ नीचे नदी पर जल भरने गए।
अचानक वहाँ से एक दूसरे देश का राजकुमार गुजर रहा था। उसकी नजर नीलम पर पड़ी और वो उसकी सुंदरता पर मोहित हो गया। उसने नीलम को जोर जोर से हँसी आने वाली जड़ी-बूटी सुंघाई ओर जबरन उठाकर ले जाने लगा। इतने में राजकुमार नील भी जल लेकर आ चुके थे। जड़ी-बूटी के प्रभाव से नीलम अपनी याद्दाश्त भूल चुकी थी  और अपनी हँसी नही रोक पा रही थी। नील को लगा नीलम तो बिना मुझे आवाज दिए खुशी से इस युवक के साथ जा रही है,उनको लगा नीलम ने उनके साथ छल किया है,ओर उन्होंने विरह-पीर में अपने प्राण त्याग दिए।

उधर उस राजकुमार ने राजकुमारी का शोषण किया और उसे जंगल मे अकेला छोड़ दिया। जब नीलम को होश आया तो वो खुद को इस हाल में देख रोने लगती है,उसके दिल मे खयालो का भूचाल आता है, वो सोचती है कि नील ने मुझे बचाया क्यो नही,वो क्यो खड़े-खड़े देखते रहे। में जड़ी-बुटी के प्रभाव से होश में नही थी पर क्या उनको भी मुझ पर विश्वास नही है। लूटी हुई आबरू लेकर नील के पास जाना उसने उचित न समजा ओर नील को तो मेरे प्रेम पर विश्वास तक नही ऐसा सोचकर उसने भी अपने प्राण दे दिए।
-विश्वास-
हो वक़्त तो पड़ना जरूर दासता ये इश्क़  की,
जूठी ही सही पर इम्तहाँ है ये आज के दौर की।

आपका अपना
Gourav Goswami -विश्वास-
एक बहुत समय पुरानी बात है। एक था राजकुमार जिसका नाम था नील ओर एक थी राजकुमारी जिसका नाम था नीलम। वो दोनों बचपन से ही एक-दूजे से बहुत प्रेम करते थे। वक़्त गुजरा ओर युवा होते ही उन दोनो ने विवाह भी कर लिया। वे अपने वैवाहिक जीवन मे बहुत खुश थे। नील भी नीलम को बहुत स्नेह करते थे। उनका प्रेम-जीवन सफल हो चुका था।

कहते है प्रेम परीक्षा अवश्य लेता है। एक दिन हुआ यूं राजकुमारी नीलम ने वन भ्रमण की इच्छा प्रकट की। नील ने भी बिना विलंब किये रथ मँगवाया ओर दोनों वन भ्रमण को चले गए। वन में घूमते-घूमते नीलम को प्यास लगी। नील ने देखा नीचे एक नदी बह रही है,नील राजकुमारी को रथ में अकेला छोड़ नीचे नदी पर जल भरने गए।
अचानक वहाँ से एक दूसरे देश का राजकुमार गुजर रहा था। उसकी नजर नीलम पर पड़ी और वो उसकी सुंदरता पर मोहित हो गया। उसने नीलम को जोर जोर से हँसी आने वाली जड़ी-बूटी सुंघाई ओर जबरन उठाकर ले जाने लगा। इतने में राजकुमार नील भी जल लेकर आ चुके थे। जड़ी-बूटी के प्रभाव से नीलम अपनी याद्दाश्त भूल चुकी थी  और अपनी हँसी नही रोक पा रही थी। नील को लगा नीलम तो बिना मुझे आवाज दिए खुशी से इस युवक के साथ जा रही है,उनको लगा नीलम ने उनके साथ छल किया है,ओर उन्होंने विरह-पीर में अपने प्राण त्याग दिए।

उधर उस राजकुमार ने राजकुमारी का शोषण किया और उसे जंगल मे अकेला छोड़ दिया। जब नीलम को होश आया तो वो खुद को इस हाल में देख रोने लगती है,उसके दिल मे खयालो का भूचाल आता है, वो सोचती है कि नील ने मुझे बचाया क्यो नही,वो क्यो खड़े-खड़े देखते रहे। में जड़ी-बुटी के प्रभाव से होश में नही थी पर क्या उनको भी मुझ पर विश्वास नही है। लूटी हुई आबरू लेकर नील के पास जाना उसने उचित न समजा ओर नील को तो मेरे प्रेम पर विश्वास तक नही ऐसा सोचकर उसने भी अपने प्राण दे दिए।

-विश्वास- एक बहुत समय पुरानी बात है। एक था राजकुमार जिसका नाम था नील ओर एक थी राजकुमारी जिसका नाम था नीलम। वो दोनों बचपन से ही एक-दूजे से बहुत प्रेम करते थे। वक़्त गुजरा ओर युवा होते ही उन दोनो ने विवाह भी कर लिया। वे अपने वैवाहिक जीवन मे बहुत खुश थे। नील भी नीलम को बहुत स्नेह करते थे। उनका प्रेम-जीवन सफल हो चुका था। कहते है प्रेम परीक्षा अवश्य लेता है। एक दिन हुआ यूं राजकुमारी नीलम ने वन भ्रमण की इच्छा प्रकट की। नील ने भी बिना विलंब किये रथ मँगवाया ओर दोनों वन भ्रमण को चले गए। वन में घूमते-घूमते नीलम को प्यास लगी। नील ने देखा नीचे एक नदी बह रही है,नील राजकुमारी को रथ में अकेला छोड़ नीचे नदी पर जल भरने गए। अचानक वहाँ से एक दूसरे देश का राजकुमार गुजर रहा था। उसकी नजर नीलम पर पड़ी और वो उसकी सुंदरता पर मोहित हो गया। उसने नीलम को जोर जोर से हँसी आने वाली जड़ी-बूटी सुंघाई ओर जबरन उठाकर ले जाने लगा। इतने में राजकुमार नील भी जल लेकर आ चुके थे। जड़ी-बूटी के प्रभाव से नीलम अपनी याद्दाश्त भूल चुकी थी और अपनी हँसी नही रोक पा रही थी। नील को लगा नीलम तो बिना मुझे आवाज दिए खुशी से इस युवक के साथ जा रही है,उनको लगा नीलम ने उनके साथ छल किया है,ओर उन्होंने विरह-पीर में अपने प्राण त्याग दिए। उधर उस राजकुमार ने राजकुमारी का शोषण किया और उसे जंगल मे अकेला छोड़ दिया। जब नीलम को होश आया तो वो खुद को इस हाल में देख रोने लगती है,उसके दिल मे खयालो का भूचाल आता है, वो सोचती है कि नील ने मुझे बचाया क्यो नही,वो क्यो खड़े-खड़े देखते रहे। में जड़ी-बुटी के प्रभाव से होश में नही थी पर क्या उनको भी मुझ पर विश्वास नही है। लूटी हुई आबरू लेकर नील के पास जाना उसने उचित न समजा ओर नील को तो मेरे प्रेम पर विश्वास तक नही ऐसा सोचकर उसने भी अपने प्राण दे दिए। #कहानी #प्रेमकहानी #मेरिकहानी