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मैं तुमसे इतनी वफादरी की उम्मीद नहीं रहती कि, मैं

मैं तुमसे इतनी वफादरी की उम्मीद नहीं रहती कि, मैं कहूँ वहा नहीं जाओ और तुम मान जाओ।
क्योंकि मुझे तुम्हारा और अपना दोनों का मिज़ाज पता है।
मुझे गलत सही नहीं लगता और तुम्हें गलत कभी गलत लगा ही नहीं। 
अब इसे मेरी दिल की मजबूरी कहो या तुम्हारे प्रति मेरा पागलपन, यह जानते हुए  कि जब मुझे लगेगा कि तुम मेरा साथ दो, तब तुम्हें मैं ही गलत लगूंगी,
 बबजूद इसके मुझे आज भी इस बात का गुमान है कि तुम मेरा साथ जरूर दोगे।

©Dr.Khushboo
  #gumaan