काश ये सब झूठ होता, कभी सुना है… सुनार हीरा भी दे रहा है और उसके साथ पैसे भी… अगर नहीं तो, फिर क्यों एक पिता अपने हीरे के साथ दहेज देता है… अगर सिर्फ समाज और जाति के नाम पर, तो फिर क्या हमारे पढ़े लिखे होने का, कोई अर्थ बाकी है…?? काश…काश ये सब झूठ होता…!! ©SHAYAR (RK) #Alas