#बेचैन_कलम ....... ✒✒ ये क्या हो रहा है मुझे शब्दों से, शब्दों से बने वाक्यों से मुझे इश़्क हो रहा है मैं शब्दों से लड़ने लगा हूँ शब्द मुझसे खेलने लगे हैं पहले की बजाय मैं शब्दों को कहीं अधिक समय देने लगा हूँ ज़रूरी काम रोकने लगा हूँ जादुई शब्दों के चक्कर में बैठे-बैठे खोने लगा हूँ शब्द श..श करके मेरे कानों में बह रहे हैं दिल में बज रहे हैं मैं अंदर ही अंदर नाच रहा हूँ अकेले ही जी रहा हूँ ख़ुद का दोस्त बना जा रहा हूँ किसी की ज़रूरत ही नहीं ये शब्दों का जहान बड़ा ख़ुदगर्ज़ है यार मुझे किसी से मिलवाता ही नहीं मुझे पूरी तरह जकड़ के रखा है कैसे शब्दों से बाहर निकलूं पर रहने दो यार यहीं ठीक हूँ बाहर तो न जाने क्या-क्या हो रहा है !!💐💐