"होके मायूस ना यूँ शाम कि तरह ढलते रहिये जिंदगी एक भोर है सुरज कि तरह निकलते रहिये चाहे रास्ते मिले या न मिले बस आगे बढते ही जायी ये ".। ©MR VIVEK KUMAR PANDEY #होके मायूस ना