क्या करू कैसे बताऊ इस मन मै बहुत कश्मकश है, भाई आएगा मेरा इस बार सरहद से या फिर होगा एक लम्बा इंतजार, ये कैसी अनबन है दो देशो की जो ला रही भाई-बहन के अश्कों की बरसात, पता नहीं कब ये बादल छटेंगे और कब होगा उस किरण का बसेरा, जो लेकर आएगी भाई मेरा.... R.V... #स्वतंत्रता दिवस #रक्षाबंधन #क्या करू इस मन मे बहुत कश्मकश है.....