-kavirA जिंदगी के राह मे गिरना, उठना तो आम बात है, सब तरफ झाक के देखा दास्ता ने भी कह दिया दिन के बाद रात है ! सब चले जाये यहाँ से बेझिझक बस उसी का साथ है, बार बार टटोलता हूँ रुख को अपने खाली ये हाथ है!! बयान कर के भी देख लिया मैंने उसका बस एक शब्द का फेर समझ मे आता है, चल रही है जीवन एक मंझधार मे डगमगाती ये नाव समझ मे आता है ! जान लिया कुछ भी नहीं है उसके बिना सांस लेना मुश्किल समझ मे आता है !! चल ना मे भी आ रहा हूँ.... #kavirA @himanshumasram62.. LoVe YoU #