आजकल तो खुशियाँ भी रहती है स्याह, पहलें तो गमों के पल भी सुनहरे थे। आप जिस वक़्त को चंद रोज न झेल पाए, हम उस दौर में तमाम उम्र ठहरें थे। 🎀 Challenge-231 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए।