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फुर्सत मिले कभी तो, तो ऐ दोस्त कभी हमारी महफ़िल में

फुर्सत मिले कभी तो, तो ऐ दोस्त कभी हमारी महफ़िल में आकर हमारे दोस्तो से मिलने। ऐसे है, मेरी अर्थी को भी फॉर्च्यूनर पर ले जाने की बात करते है। वो तो मंजर कुछ ऐसा होगा, जो रोयेंगे। वरना मेरी अर्थी पर भी पैसे उड़ाने की बात करते है।।।। यारी सबसे प्यारी।।।।
फुर्सत मिले कभी तो, तो ऐ दोस्त कभी हमारी महफ़िल में आकर हमारे दोस्तो से मिलने। ऐसे है, मेरी अर्थी को भी फॉर्च्यूनर पर ले जाने की बात करते है। वो तो मंजर कुछ ऐसा होगा, जो रोयेंगे। वरना मेरी अर्थी पर भी पैसे उड़ाने की बात करते है।।।। यारी सबसे प्यारी।।।।

यारी सबसे प्यारी।।।।