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मुख में राम,बगल में छूरी, बेहतर तो बालि था,दबा - क

मुख में राम,बगल में छूरी,
बेहतर तो बालि था,दबा -
कपि रावण -राक्षस -असुरता ,
नर होना क्या तुममें तजुर्बा,
जज्बा क्या नर श्रेष्ठ प्राणी हो,
वानर ही तो भले, वाणी हो,
राम राम मुझमें हनुमान मैं,
भक्त,भाव तेरे भगवान मैं,
मेरे भी प्रभु राम ने सौंपा -
जन्म- दिवस निज, तुमने रोपा -
ध्वज कह रामनवमी कि पुजूं मैं,
प्रभु की कृपा से ऐसा हूं मैं।

©BANDHETIYA OFFICIAL #भक्त बड़ा!

#Hanuman
मुख में राम,बगल में छूरी,
बेहतर तो बालि था,दबा -
कपि रावण -राक्षस -असुरता ,
नर होना क्या तुममें तजुर्बा,
जज्बा क्या नर श्रेष्ठ प्राणी हो,
वानर ही तो भले, वाणी हो,
राम राम मुझमें हनुमान मैं,
भक्त,भाव तेरे भगवान मैं,
मेरे भी प्रभु राम ने सौंपा -
जन्म- दिवस निज, तुमने रोपा -
ध्वज कह रामनवमी कि पुजूं मैं,
प्रभु की कृपा से ऐसा हूं मैं।

©BANDHETIYA OFFICIAL #भक्त बड़ा!

#Hanuman