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बुद्ध चिर शांति में समाधिस्थ सत्य की आभा इस जग

बुद्ध 

चिर शांति में समाधिस्थ सत्य की आभा 
इस जग को सत्य ब्रम्ह शांति का मार्ग दिया
इह नर तन पाकर त्याग दिया राज , और 
स्वयं पर विजय प्राप्त कर बन गए बुद्ध 

पर उस तरुणी की तड़प का क्या
जिसे मध्य रात्रि में त्याग कर दिया
उस अबोध दुधमुंहे अश्रु का क्या
जो पिता के कंधों से वंचित रहा
अधूरी बात, अधूरी रात, अधूरी जज़्बात
हर पल बाट जोहती रही उम्र भर
कब आओगे उसकी प्रणय को पूर्ण करने
क्या दिखला पाओगे उस विरह वेदना को
सत्य का मार्ग 

अम्बिका मल्लिक ✍️

©Ambika Mallik
  #बुद्ध