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जब भी छूती है तेरी नन्हीं नाजुक उंगलियां, मेरी शख्

जब भी छूती है तेरी नन्हीं नाजुक उंगलियां,
मेरी शख्त पड़ चुकी उंगलियों को,

मोम सा हो जाता हूं मै,
पिघल जाते है सारे गम,
बह निकलता है सागर प्यार का,
जिसमे डूब कर मै इंसान हो जाता हूं, #मेरी_बेटी
जब भी छूती है तेरी नन्हीं नाजुक उंगलियां,
मेरी शख्त पड़ चुकी उंगलियों को,

मोम सा हो जाता हूं मै,
पिघल जाते है सारे गम,
बह निकलता है सागर प्यार का,
जिसमे डूब कर मै इंसान हो जाता हूं, #मेरी_बेटी