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अब तो पलकें भी थक चुकी, कब तलक ना सोया जाए... भार

अब तो पलकें भी थक चुकी, कब तलक ना सोया जाए...
भार ऐ-जख्मी-दिल का, किस उम्र तक ये ढ़ोया जाए?
तेरा प्यार पाने के लिए, क्या-क्या करूं मेरे हमदम...
सबकुछ तो मैंने खो दिया, बता और क्या खोया जाए?
                                                           #उल्टा पेज #थका मन से...
अब तो पलकें भी थक चुकी, कब तलक ना सोया जाए...
भार ऐ-जख्मी-दिल का, किस उम्र तक ये ढ़ोया जाए?
तेरा प्यार पाने के लिए, क्या-क्या करूं मेरे हमदम...
सबकुछ तो मैंने खो दिया, बता और क्या खोया जाए?
                                                           #उल्टा पेज #थका मन से...