ज्ञान ना दे मुझे तू धर्म के नाम पर मुझे पता है अपनी राजनीति के चक्र में ही तूने मुझे बाटा है जात पात के नाम पर जो तूने कर दिया है अलग सबको वरना हर आदमी का एक दूसरे से प्यार का नाता है जब बचपन से एक साथ रहकर खेल कूदकर खा लिया खाना साथ में तो तू क्यों हर बात में भेदभाव लाता है B१@#३८+