हर इंसान इस दुनिया का एक रहस्यमयी जीव है फिर भी क्यों आज खुद पर यकी नहीं है??? जिसे इस आत्म तत्व का ज्ञान हुआ ईश्वर ने उसे पहले ही बुला लिया।। बाद में हम उनकी पूजा अर्चना करते उनकी कही हुई बातों को सिर्फ रट लेते। अगर फटे चिटे मौइले लिवाश में बच्चे दिख जाय तो तुरंत हम उनपर पर comments करते। भूल से अगर कुछ खाने को माँग ले तो तुरंत दो-चार अभद्र शब्दों का प्रयोग करते। यही हमारी मानवता, यही है हमारा परिचय लाखों बच्चे जी रहे हैं आज भी सड़कों पे।। मंदिरों में हम सुन्दर सुन्दर मिठाईयाँ चढाते मांगने की डर से उसे भी छिपा लेते। मंदिरों - मस्जिदों को तो हम बनवा रहे हैं लेकिन इन बेघर बच्चों को क्यों नहीं पढ़ा रहे हैं ?? सारा जुल्म व अत्याचार सिर्फ यही सहे महलों में रहने वाले मौज मस्ती में जिये।। ये कैसी सत्ता और कैसा ये न्याय है??? स्वतंत्र राष्ट्र में आज भी लोग गुलाम है। मर रहे लाखों बच्चे उन रोटी के टुकड़ों से जिसे फेंक रहे हैं हम कचरों के ढेरों पे।। ##ek सवाल # ##plez give me few minutes ##read this🙏🙏.. 💝🙏🙏