माँ.... ज़िंदगी की पहली पाठशाला माँ ही होती है गोदी से ज़मीन पर ला उँगली थाम चलना सिखाती है लड़खड़ाकर गिर जायें तो,अपने मन को थामती है हमें मज़बूती से ख़ुद खड़े होना सिखाती है दिल का टुकड़ा कह,हमें ख़ुद से प्यार करना सिखाती है तू मेरा सहारा है बोल, हिम्मत,साहस भरती जाती है स्वयं भूखी रह, पेट हमारा वो भरती है देख पलते-बढ़ते हमें फूली नहीं वो समाती है अपने दिल पर पत्थर रख,बाधाओं से लड़ना सिखाती है रोती है रात-रात भर वो,आँसू हमसे छिपाती है भगवान के चरणों में माथा हमारा झुकाती है हमारी ईश्वर होकर भी,प्रार्थना माँ करती जाती है जितना सब माँ के पास,हमें वो खुशी से देती है माँ का कर्ज़ सब पर इतना,दुनिया कर्ज़दार कहलाती है 🌹 M'निर्झरा' #माँ #माँ_का_प्यार #माँकीदुआ #माँदुर्गा #मातृदिवस #प्यार