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याद है हम जब पहली बार मिले थे गोरखपुर कि बागों में

याद है हम जब पहली बार मिले थे
गोरखपुर कि बागों में फूल खिले थे

दूर कहीं बज रही थी मंदिर में घंटी
घंटो बाद भटके मुसाफ़िर मिले थे

पहली बार जब चूमा था तुमको
कसकर दोनों गले मिले थे

महकता चंदन सा गोरा बदन 
तुम्हारे बदन पे जैसे फूल खिले थे

किस चौरसिया ने बनाया था पान 
खेल हम पलंग तोड़ खेले थे

©Deep Bawara #nojato #nojohindi #erotica #eroticapoetry #eroticashayri #तन्हा_रातें
याद है हम जब पहली बार मिले थे
गोरखपुर कि बागों में फूल खिले थे

दूर कहीं बज रही थी मंदिर में घंटी
घंटो बाद भटके मुसाफ़िर मिले थे

पहली बार जब चूमा था तुमको
कसकर दोनों गले मिले थे

महकता चंदन सा गोरा बदन 
तुम्हारे बदन पे जैसे फूल खिले थे

किस चौरसिया ने बनाया था पान 
खेल हम पलंग तोड़ खेले थे

©Deep Bawara #nojato #nojohindi #erotica #eroticapoetry #eroticashayri #तन्हा_रातें