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ज़ब्तशुद‌ है मेरी आत्मा उसके प्यार में, वह चाहे कब

ज़ब्तशुद‌ है मेरी आत्मा उसके प्यार में,
वह चाहे कबूल करें ठुकरा दे,
शिद्धत से चाहा है उसको दिल से,
वह चाहे या ना चाहे परवाह नहीं,
जी हां जनाब!.... यह एक तरफा प्यार है,
मुझे इसमें, हम-नशी की भी दखलंदाज़ी मंजूर नहीं।  सभी दोस्तों को मेरा प्यार भरा "नमस्कार"


🎀 
आप सभी से मेरा निवेदन है शीर्षक का आपकी
रचना में होना अनिवार्य है ,

🎀
ज़ब्तशुद‌ है मेरी आत्मा उसके प्यार में,
वह चाहे कबूल करें ठुकरा दे,
शिद्धत से चाहा है उसको दिल से,
वह चाहे या ना चाहे परवाह नहीं,
जी हां जनाब!.... यह एक तरफा प्यार है,
मुझे इसमें, हम-नशी की भी दखलंदाज़ी मंजूर नहीं।  सभी दोस्तों को मेरा प्यार भरा "नमस्कार"


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आप सभी से मेरा निवेदन है शीर्षक का आपकी
रचना में होना अनिवार्य है ,

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mrsrosysumbriade8729

Writer1

New Creator

सभी दोस्तों को मेरा प्यार भरा "नमस्कार" 🎀 आप सभी से मेरा निवेदन है शीर्षक का आपकी रचना में होना अनिवार्य है , 🎀 #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #दखल #दखलंदाज़ी #आपकी_सहेली #Collabwithआपकी_सहेली