क्यूं बीते कल के साथ बहते हो, मुस्कुराने के लिए है ज़िंदगी फिर क्यूं उदास होकर आईने से बात करते हो, खुशियों से भरी महफ़िल में क्यूं तन्हाई से दिल राज़ कहते हो, मुश्किल नहीं है संभाला खुदको क्यूं टूटकर बिखरने की बात करते हो, बेवजह मुस्कुराने का नाम है ज़िंदगी तो फिर क्यूं वजह की तलाश करते हो... ख़ुद से ख़फ़ा क्यों रहते हो #ख़ुदसेख़फ़ा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi