एक बात कहूं, जिस बच्चे पर बाप का साया नहीं होता है ना उसका बचपन भी छीन जाता था। जाने किस तूफान से जिन्दगी टकरा गई होश संभालते ही कंधो पर जिम्मेदारियां अा गई जाने किन किन रास्तों से गुजरी है जिन्दगी अपनी जाने किस मोड़ पर खड़ा हूं मैं जिन्दगी का हर मंजर समय से पहले ही देखा है मैंने अपनी उम्र से कई साल बड़ा हूं मैं शायद कभी, यूं ही चलते चलते इन रास्तों में कहीं खो जायें जितने गम हैं सबका ठौर ठिकाना हूं मैं मर जाऊं तो सारे बेघर हो जाएं #jindagikikahani #apnijindagi