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*फ़क़त सांसों की, डोर जारी थी कल तक साहब,...* आज

*फ़क़त सांसों की, डोर जारी  थी कल तक साहब,...* 
आज कोई
*सारा इल्जाम मेरे सर देकर मेरी कुर्बानी तेरी दे गया*










*|('}_*
*|(_/\\__G@ur@v_____✍🥀*

*🌚!! शुभ रात्रि !!🌚*
*🚩!! जय सियाराम  !!🚩*

©गौरव दीक्षित(लव) #HappyBakrid
*फ़क़त सांसों की, डोर जारी  थी कल तक साहब,...* 
आज कोई
*सारा इल्जाम मेरे सर देकर मेरी कुर्बानी तेरी दे गया*










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*🌚!! शुभ रात्रि !!🌚*
*🚩!! जय सियाराम  !!🚩*

©गौरव दीक्षित(लव) #HappyBakrid