जिधर भी नज़र गयी मेरी उधर तुझे को ही पाया है तुझ से नहीं कुछ भी जुदा दिल को समझ ये आया है सच तो ये है कि तुझ में ही शुकू है और तुझ में ही शान्ती है लेकिन ये पागल आवारा दुनियां कहां जानती है Jai shri radha