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हां, मैं आज थोड़ी खामोश हूं - इसलिए नहीं की मेरा क

हां, मैं आज थोड़ी खामोश हूं -
इसलिए नहीं की मेरा कुछ खो गया है।
बस यूं ही शांत हूं मैं...........
शायद, मेरे चंचल से मन को कुछ हो गया है।।

कुछ तो है जो मुझे -
बेदर्दी सा बन के सताए जा रहा है।
जो मैं जानना नहीं चाहती -
कुछ ऐसा पाठ जिंदगी पढ़ाए जा रहा है।।

ना जाने क्यों कुछ जैसे -
पहले से बदल सा रहा है अब।
मन ही बस परेशान है -
बाकी तो पहले सा ही दिख रहा है सब।।

हां, एक कोई बात जैसे हर वक्त -
परछाई सा मेरे साथ चल रहा है कोई।
मैं अब भी बेखबर सी हूं कि -
बदल रही हूं मैं, या मुझे बदल रहा है कोई।।

©Pallavi Pandey
  #हाँ