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प्रेम उत्कर्ष अधूरे हैं तुम सुनते क्यों नहीं तुम्ह

प्रेम उत्कर्ष अधूरे हैं
तुम सुनते क्यों नहीं
तुम्हारे स्पर्श अधूरे हैं— % & स्पर्श
प्रेम उत्कर्ष अधूरे हैं
तुम सुनते क्यों नहीं
तुम्हारे स्पर्श अधूरे हैं— % & स्पर्श