जब रिश्ते जब रिश्ते , खामोशियों की आवाज़ न सुन पाएं कहती रहीं बातें ; फिर भी कुछ सुन न पाएं रात, चांद आंखों, स्पर्श और हाव भाव की अभिव्यक्ति के बोल जब बेअसर हो जाए तब कहाँ बचता है रिश्ता ..? कहाँ बढ़ता है फिर वो रिश्ता..?? ©Kajalife.... #PoetInYou #wordsv/sSilence In love, in relationship ❤❤ #Kajalife