जयति जय जय रात नियंता जयति बाधा निवारिणी। जयति विघ्न भय भूत हर्ता जयति ओज प्रदायनी। 07 जयति जय जय रात नियंता जयति बाधा निवारिणी। जयति विघ्न भय भूत हर्ता जयति ओज प्रदायनी। 07 कायरता को दूर करे वीरत्व सभी को देती है। नाश करे हर भय का माते मन को दृण कर देती है। ©दिव्यांशु पाठक