ये फन आदमी का किसी मुल्क का नहीं मैं सोचता हूँ सब लोग फनकार ही होते सरहदों पर गोलियों की तर्ज़ पर हम भी मुशायरे में मशगूल सभी यार ही होते ये #फन आदमी का किसी #मुल्क का नहीं मैं सोचता हूँ सब लोग #फनकार ही होते #सरहदों पर गोलियों की तर्ज़ पर हम भी मुशायरे में #मशगूल सभी यार ही होते