आज नशे मेँ अपने धुत हूँ रोनें कि वजा जाणनेंवाला कोई साथ नहीं मदमस्त रहेता हूँ अकेलेपन मेँ रुलानेवाला कोई भी मेरे पास ही नहीं सब छोड के चले जाते है एक दिन पर नशा साथ रहेता है मेरे हरदिन तेरी कमी भी अब महेसुस नहीं होती तेरी जगा पे कोई और है अब शायर नशीला