मानवता की खुली आंख के सबसे सुंदर सपने राम जिव्हा वाणी अर्थवती हो गई लगी जब जपने राम मात पिता, गुरुजन, परिजन ने अपने अपने देखे थे दुनिया भर ने देखे अपने अपने अपने अपने राम सूरदास के रसिक सिरोमणी मीरा के नटवर नागर वाल्मीकि, तुलसी, कंबन के अपने अपने अपने राम मानवता की खुली आंख के सबसे सुंदर सपने राम #apneapneram #kumarvishwas