आपकी मर्ज़ी की हर ख़ुशी मिलना, ये जरूरी तो नहीं! फिर भी ,हर गम में खुशी ढूढ़ने की बात आती हैं। गम को खुशी में बदलना आ भी गया। तो फिर ,यह सकरात्मक हैं या ढोंग ? #गहरी सोच