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आपकी मर्ज़ी की हर ख़ुशी मिलना, ये जरूरी तो नहीं! फिर

आपकी मर्ज़ी की हर ख़ुशी मिलना,
ये जरूरी तो नहीं!
फिर भी ,हर गम में खुशी ढूढ़ने की
बात आती हैं।
गम को खुशी में बदलना आ भी गया।
तो फिर ,यह सकरात्मक हैं या ढोंग ? #गहरी सोच
आपकी मर्ज़ी की हर ख़ुशी मिलना,
ये जरूरी तो नहीं!
फिर भी ,हर गम में खुशी ढूढ़ने की
बात आती हैं।
गम को खुशी में बदलना आ भी गया।
तो फिर ,यह सकरात्मक हैं या ढोंग ? #गहरी सोच