कि गाँव से हूँ, गंवार न समझना तुम्हारे मुंह पे तुम्हारे जैसी पीट पीछे तुम्हें बूरा कहूँ, वैसा यार न समझना। खुश रहना, खुश रखना हमारी आदत है इसे हमारे दिखावे का व्यापार न समझना।। ©आकाश भिलावली वाला #व्यापार_न_समझना #Darknight