शायर के नाम के बिना, उसकी शायरी कहीं भी पेश करना, उन जिंदा जज्बातों के खून का इल्जाम है, जो उसने अपने एहसासों से पैदा किये थे! ©N.k.vyas #nkvyas #RABINDRANATHTAGORE