बीत जाते हैं लम्हें , यादें धूमिल पड़ जाती हैं | फिर भी ऐसा लगता है , कि , बचपन अभी बाँकी है | © कवि आशीष उपाध्याय ( एकाकी ) #yadein #bachpan #bachpankiyaad #bachpankiyadein