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#शीतलता अन्तर्मन की शीतलता से,मन यह भाव विभोर

#शीतलता

अन्तर्मन  की  शीतलता  से,मन  यह भाव विभोर।
मन्त्रमुग्ध  दिन - रैना तन ये,लगता हृदय किशोर।।

गरम  पवन  से  बहे पसीना,हिय से निकले आह।
व्याकुल  लगता  अन्तर्मन भी,शीतलता की चाह।।
छाँव  मिले जब रुके पसीना,हृदय मगन पुरजोर।
अन्तर्मन  की  शीतलता से,मन यह भाव विभोर।।

समझ  न  पाता अन्तर्मन ये,लगती है क्यों ठण्ड।
खुशी  बिखरती शीतलता से,बहे बयार अखण्ड।।
मन्द - मन्द तब हिय मुस्काता,मस्त सुहानी भोर।
अन्तर्मन  की शीतलता से,मन यह भाव विभोर।।

शीतल  लगता माँ का आँचल,सुखी रहे सन्तान।
बिटप  धरा  पर छाया देकर,करता कार्य महान।।
शीतल  धरती  हो  जाती है,मस्त मगन वन मोर।
अन्तर्मन  की शीतलता से,मन यह भाव विभोर।।

गरम  हृदय  में खुशी समाये,शीतलता का वास।
नष्ट  हृदय  की  बेचैनी  हो,मिटे सकल सन्त्रास।।
तन  मन  शीतल  छाया  पाता,अन्तर्मन में शोर।
अन्तर्मन  की शीतलता से,मन यह भाव विभोर।।

शीतलता  की  चाह  रखे  यह,धरती भी भरपूर।
जीव -जन्तु को आशा रहती,जीवन बचे जरूर।।
यौवन  निखरे  शीतलता से,दिल में उठे हिलोर।
अन्तर्मन की शीतलता से,मन यह भाव विभोर।।

अरविन्द सिंह "वत्स"
प्रतापगढ़
उत्तरप्रदेश

©Arvind kumar singh #Hope
#शीतलता

अन्तर्मन  की  शीतलता  से,मन  यह भाव विभोर।
मन्त्रमुग्ध  दिन - रैना तन ये,लगता हृदय किशोर।।

गरम  पवन  से  बहे पसीना,हिय से निकले आह।
व्याकुल  लगता  अन्तर्मन भी,शीतलता की चाह।।
छाँव  मिले जब रुके पसीना,हृदय मगन पुरजोर।
अन्तर्मन  की  शीतलता से,मन यह भाव विभोर।।

समझ  न  पाता अन्तर्मन ये,लगती है क्यों ठण्ड।
खुशी  बिखरती शीतलता से,बहे बयार अखण्ड।।
मन्द - मन्द तब हिय मुस्काता,मस्त सुहानी भोर।
अन्तर्मन  की शीतलता से,मन यह भाव विभोर।।

शीतल  लगता माँ का आँचल,सुखी रहे सन्तान।
बिटप  धरा  पर छाया देकर,करता कार्य महान।।
शीतल  धरती  हो  जाती है,मस्त मगन वन मोर।
अन्तर्मन  की शीतलता से,मन यह भाव विभोर।।

गरम  हृदय  में खुशी समाये,शीतलता का वास।
नष्ट  हृदय  की  बेचैनी  हो,मिटे सकल सन्त्रास।।
तन  मन  शीतल  छाया  पाता,अन्तर्मन में शोर।
अन्तर्मन  की शीतलता से,मन यह भाव विभोर।।

शीतलता  की  चाह  रखे  यह,धरती भी भरपूर।
जीव -जन्तु को आशा रहती,जीवन बचे जरूर।।
यौवन  निखरे  शीतलता से,दिल में उठे हिलोर।
अन्तर्मन की शीतलता से,मन यह भाव विभोर।।

अरविन्द सिंह "वत्स"
प्रतापगढ़
उत्तरप्रदेश

©Arvind kumar singh #Hope