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काश! कि मैं साहिर या इमरोज होता, तुम मुहब्बत की नि

काश! कि मैं साहिर
या इमरोज होता,
तुम मुहब्बत की निशानी
अमृता होती,
साहिर को ही ढूंढती हर पल
तुम्हारी निगाहें,
फिर हारकर इकरोज तुम
इमरोज की बाहों में होती।

©Siddharth kushwaha 💞
#साहिर_लुधियानवी #अमृता_प्रीतम #इमरोज #कानपुर
काश! कि मैं साहिर
या इमरोज होता,
तुम मुहब्बत की निशानी
अमृता होती,
साहिर को ही ढूंढती हर पल
तुम्हारी निगाहें,
फिर हारकर इकरोज तुम
इमरोज की बाहों में होती।

©Siddharth kushwaha 💞
#साहिर_लुधियानवी #अमृता_प्रीतम #इमरोज #कानपुर