""दो पल मुस्कुराई ये हुई आँखे नम"" ""फिर वही गम,,,फिर वही हम"" अगर ये दिल तेरा मैला ना होता,, तो मेरी आँख का काजल भी ना फैला होता,,। अगर तेरा झूठ और चालाकियाँ समझ जाता मैं,, तो मेरा दिल यूँ बहला ना होता,,। तू किसी और को ना अपनाता,, और मेरा दिल यूँ तन्हा ना होता,,। आग लगती ना फ़िज़ाओं में अगर,, तो हर एक ख़्वाब मेरा बिखरा ना होता,,। चोट इतनी भी ना गहरी होती,, अगर तुम्हारा दिल जरा सा भी पिघला होता,,। #अधूरा ख्वाब #शिवम चौहान ©shivam chauhan