कभी था व्रत तुम्हें पढ़कर चिर मौन हो जानें का, तुम्हारी प्रतीक्षा में अनन्त के उस पार जानें का। मगर अब हम अकेले राह में थकनें लगे हैं, तुम्हारे बिन ये अधर देवालयों में खुलनें लगे हैं। ---अंश वर्धन सिंह ©ansh vardhan singh true love #wait