चाहत में यारों को भूल जाना, बड़ा फसाना लगता हैं। दोस्ती आज कल की नहीं हैं, ये रिश्ता बड़ा पुराना लगता हैं। जो तू आज इसे छोड़ के जा रहा हैं, अपने चाहत के लिए। तब से तू मेरे लिए दोस्त, बड़ा अनजाना लगता हैं। ©Anubhav Chaudhary विचार रूपी कविता इलाहाबादी शायर(anubhav Chaudhary)