मैं खड़ी बोली जाने वाली, तत्सम भी और तद्भव भी । मैं पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक संभव भी । मैं संस्कृति की सहज अभिव्यक्ति, सरल भावों में सक्षम भी । आप सभी को हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ । #हिंदी #हिंदीदिवस #हिंदी_कविता #हिंदी_साहित्य #साहित्य #rzhindi #hindidiwas #savitajha