खाली खालीपन रातों में आंगन में जीवन की हर राहों में पायल की छम-छम न चूड़ियों की खनक बदन की खुशबू न तेरे गेसुओं की महक बस सूना सूनापन बाहों में निगाहों में खुशियों की हर पनाहों में लवों पर मुस्कुराहट न आंखों में शरारत खुशियों की चाहत न अधरों पर शिकायत बस अधूरे हम बातों में मुलाकातों में दिल के हर जज्वातों में धूप है न घनेरी छाया तुम हो न तुम्हारा साया है तो बस खाली खालीपन आहों में ख्वाहिशों में जीवन की हर फरमाइशों में खाली खालीपन ~ मनोज कुमार "मंजू" #manojkumarmanju #manju #hindipoems