#nojoto#poetry#बूढ़ीअम्मा..... जो रूह को भी छल देता था, वो दर्द कुत्ते को सुना दिया, हर शाम जवाँ हो जाती थी, वो टीस हृदय की बयाँ किया। मेरे चार बेटे है, बेटी है, बहुएँ है, बड़े बड़े पोते हैं और नाती हैं। पीर हृदय में ये है की उनको,