रुखसत हुई ही थी जिन्दगी अपनी, की अजान मे तुम मिले, फलक पर खड़ा था गुजरने को, की शमसान पर तुम मिले, ना कोई झूठ ना कोई बन्धन है इस जगह पर एक तरफ मै जल रहा था तो एक तरफ जलते हुए तुम मिले, अब समझ नहीं आ रहा ज़िन्दगी की उससे मिले कैसे, मिले मुस्कुरा के या अपने गमो के साथ मिले, तनहाई मे गुजार दिया जिवन सारा खुश हु अब जो तुम मरने के बाद मिले। ।।।।।तनहाई ।।।। #tanhai #frd#nojoto #solotraveller