एक तस्वीर है मेरे पास जो एक तस्वीर जो हर पल मेरे सिरहाने तले पड़ी रहती है जब भी होती हूँ तन्हा उससे जी भर बाते करती हूँ उल्हाने शिकायते सब करती हूँ थोड़ा उसकी याद में रो लेती हूँ फ़िर उसकी छोटी छोटी बात पर हँसती हूँ मुस्कुराता है तदवीर से तस्वीर से बाहर निकल आता है गुदगुदी कर के मुझे खूब हँसाता है जिद्द करता है माँ अपने हाथों से निवाला खिलाओ ना तोड़ती हूँ निवाला उसके मुँह में डालने को वो तस्वीर में फिर से छिप जाता है अठखेलियाँ करता है मेरे साथ जैसे कान्हा अपनी माँ यशोदा को अपने पीछे दौड़ाता है ऐसे लगता है जैसे सच मे वो मुझे मिलने आता है रुह से मेरी आवाज देता है माँ ...माँ ..कह कर मुझे बुलाता है क्या बताऊँ तुम्हे वो नटखट कितना मुझे सताता है गर रूठ जाऊ तो मैं वो बड़े प्यार से मनाता है मैं मान जाती हूँ जब वो तारो में छुप जाता है ©Dr Manju Juneja #एकतस्वीर #सिरहाने #तले #अठखेलियाँ #तन्हा #बाते #माँ#कान्हा #यशोदा #AdhureVakya