बंद कर लेता हूं आंखे मैं अपनी ,जड़ा भींच लेना बाहों में अपनी ए ज़िन्दगी। बदलते बदलते करवटें जो ले रहा हूं, जड़ा सा सींच लेना अपनी शिलबटे में मुझे। तारीफ क्या करूं मैं तेरी अब बस अल्फ़ाज़ बयां कर सकता हूं मैं। तुम खुशियों की मुस्कुराती मिठास हो तो, कभी दर्द बन आंखों में समंदर का सैलाब । अब कर लो दफ्न खुद में ए ज़िन्दगी , चलो एक नई शुरुआत करते हैं। #zindagi #shyari #nojoto #nojoto_team #shyar #dil_ki_baat #mahfil #e_zindagi