क्या फरक़ पड़ता है कपड़ा-ओढ़ना से ! कोई छोटा दिखाएं या बड़ा आलोचना से! होगी जिगर-काबिलियत मुझमें अगर तो, दुनिया को झुका दूंगा मैं हुनरो-अना से!! ©Narendra Sonkar "क्या फरक़ पड़ता है कपड़ा-ओढ़ना से"