दिनों बाद सनम से मुलाकात तो हुई, कुछ लफ्जो कि सही, बात तो हुई, भगवान मे वैसे विश्वास तो नहीं, पर दुआ थी जो कबूल तो हुई, अच्छा बुरा जो भी समय हो, पर जज्बात आज भी वहीं, सबने गलत बोला मुझे, पर तुम समझ सके, ये अल्फाज तो वहीं, वैसे लेखक नहीं हूँ मैं, पर समझ सकू एह्सस् तेर, प्यार बस आज भी वहीं ©Lucky Shubham Rawat #सनम् #BookLife