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मुझ में ख़ुशबू बसी उसी की है, जैसे ये ज़िंदगी उसी

मुझ में ख़ुशबू बसी उसी की है,
जैसे ये ज़िंदगी उसी की है ।
वो कहीं आस-पास है मौजूद,
हू-ब-हू ये हँसी उसी की है।
ख़ुद में अपना दुखा रहा हूँ दिल,
इस में लेकिन ख़ुशी उसी की है।
यानी कोई कमी नहीं मुझ में,
यानी मुझ में कमी उसी की है।
क्या मेरे ख़्वाब भी नहीं मेरे,
क्या मेरी नींद भी उसी की है ?
🤗

©अ..से..(अखिलेश).$S....'''''''''!
  Kya Meri Nind bhi Usi Ki Hai.....🤔

Kya Meri Nind bhi Usi Ki Hai.....🤔 #लव

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