White शब्द मौन हैं विचार शून्य हैं भावनाएँ अव्यक्त हैं मन बेचैन हैं आत्माएं भ्रमित हैं सत्य की क्या जीत हैं या असत्य की तलाश हैं जो होकर भी नहीं हैं जो ना होकर भी अस्तित्व में हैं दे रहा अपनी हर रोज हाज़री हैं होने ना होने पर भी यही तमाशा का सार है तू कौन हैं तू कौन हैं तेरा मुझसे क्या नाता है क्यों किसी रोज नई चुनौती ये देख मन में उठते कई प्रश्न हैं! ©Aparna Pathak #अव्यक्त