Nojoto: Largest Storytelling Platform

Jai Shri Ram पुत्र कामयेष्टि यज्ञ विकल्प।पूर्ण करे

Jai Shri Ram पुत्र कामयेष्टि यज्ञ विकल्प।पूर्ण करे जो सदा संकल्प।।
गुरु वशिष्ठ से दशरथ कहते।चरण कराने उनके गहते।।
वशिष्ठ बोले उनसे ऐसे ।ना हैं ज्ञानी श्रृंगी जैसे।।
यज्ञ कराने को आमंत्रण।चाह कैकेयी को निमंत्रण।।
 तुम सुन लो राजन् भिक्षु बन लो।चरण धरो जा बस यह सुन लो।।
पैदल चलकर दशरथ जाते।आश्रम जाके शीश नवाते।।
वह मुनि चरण अश्रु से धोकर। कहा द्रवित यह उनसे होकर।।
पुत्र कामना मन में इच्छा।पूरित होने देवें दीक्षा।।

©Bharat Bhushan pathak #jaishriram  poetry lovers hindi poetry hindi poetry on life poetry poetry on love
Jai Shri Ram पुत्र कामयेष्टि यज्ञ विकल्प।पूर्ण करे जो सदा संकल्प।।
गुरु वशिष्ठ से दशरथ कहते।चरण कराने उनके गहते।।
वशिष्ठ बोले उनसे ऐसे ।ना हैं ज्ञानी श्रृंगी जैसे।।
यज्ञ कराने को आमंत्रण।चाह कैकेयी को निमंत्रण।।
 तुम सुन लो राजन् भिक्षु बन लो।चरण धरो जा बस यह सुन लो।।
पैदल चलकर दशरथ जाते।आश्रम जाके शीश नवाते।।
वह मुनि चरण अश्रु से धोकर। कहा द्रवित यह उनसे होकर।।
पुत्र कामना मन में इच्छा।पूरित होने देवें दीक्षा।।

©Bharat Bhushan pathak #jaishriram  poetry lovers hindi poetry hindi poetry on life poetry poetry on love